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उर्दू की विख्यात लेखिका क़ुर्रतुल ऐन हैदर का मंगलवार की सुबह राजधानी दिल्ली के पास एक अस्पताल में निधन हो गया वे 80 वर्ष की थीं।
'आग का दरिया' और 'कारे जहाँ दराज' जैसे उपन्यासों की रचनाकार क़ुर्रतुल 1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान चलीं गई थी, लेकिन वहाँ उनका मन नहीं लगा और वह 1951 तक इंग्लैंड में रहीं. इसके बाद वह भारत लौट आईं।
उनका उपन्यास 'आखिर-ए-शब के हमसफ़र' को एक उर्दू क्लासिक माना जाता है. इसका हिंदी रूपांतर 'निशांत के सहयात्री' था.
क़ुर्रतुल ऐन हैदर का रचना संसार-
कहानी संग्रह
सितारों से आगे
शीशे के घर
पतझड़ की आवाज़
रौशनी की रफ़्तार
उपन्यास
आग का दरिया
सफ़ीन-ए-ग़मे दिल
आख़िरे-शब के हमसफ़र
गरदिशे-रंगे-चमन
मेरे भी सनम-ख़ाने
चार नावेलेट
सीता हरन
दिल रुबा
चाए के बाग़
अगले जन्म मोहे बिटया न कीजियो
चांदनी बेगम
रिपोर्ताज़
कोहे-दमावंद
छुटे असी तो बदला हुआ ज़माना था
गुलगश्ते जहां
ख़िज़्र सोचता है
सितम्बर का चाँद
दकन सा नहीं ठार संसार में
क़ैदख़ाने में तलातुम है कि हिंद आती है
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