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Thursday, January 17, 2008

फिल्म को फिल्म की तरह देखें.. मतलब !

हमने सोचा कि फिल्म 300 पर कोई बहस आगे नहीं बढ़ेगी। लेकिन बहस धीरे-धीरे ही सही बहस आगे बढ़ी । हालांकि लिखने वालों ने नाम नही दिया। आप भी जानिए फिल्म पर दी जाने वाली प्रतिक्रियाओं के बारे में।
Anonymous said...
सदी की बेहतरीन और जिम्मेदार सुझावों में से एक सुझाव। मैं इन महाशय से कहना चाहुंगा कि अगर आपको मैं दो पैरों पर चलने वाले बंदर की तरह देखा जाय या फिर अभिव्यक्ति की बेहतरीन क्षमता और अपने आसपास घटित घटनाओं की कारणता जानने वाले सजग मानव के रूप में। इतिहास थोड़ा पढ़े और किताब पढ़े( किताब लेकर घुमें नहीं) केवल इंटरनेट पढ़ेंगे तो साधु और ओझा की तरह ज्ञान का हवन कर डालेंगे। कम्युनिस्ट कभी बाप के द्वारा की गई हत्या की सजा बेटे को देने की वकालत नहीं करता। इसमें आप यकीन करते होंगे। हम हत्यारों और दलालों की दुनिया से वाकिफ हैं और उसे जड़ से काटने में ज्यादा यकीन रखते हैं। माफ करिएगा हम बहुत सीधा जवाब देना जानते हैं। हम मानव और मानवनुमा दिखने वालों के बीच फर्क करते हैं।

Anonymous said...

अमेरिका में जो हो रहा है वह पाप है और ईरान चूंकि प्रतिरोध करता है वह पवित्र है, यह दृष्टि ठीक नहीं. फ़िल्म को फ़िल्म की तरह भी देख लीजिए. यह इतिहास बताएगा की ईरान की महान सरकार प्रगतिशील थी या अमेरिका की तानाशाही व्यवस्था सड़ी-गली थी. अलबत्ता यह याद रखना चाहिए की खुमैनी की क्रांति के बाद सबसे पहले ईरान में मार्क्सवादियों को खड़ा करके गोलिओं से उडाया गया था. उसके लिए कुछ हज़ार साल पीछे नहीं ३८ साल पीछे जाना है.