बंत सिंह पंजाब के मानसा जिले के एक दलित गायक और वामपंथी संघर्ष के साथी हैं। उनकी नाबालिग बेटी के साथ सन् 2000 में उनके गांव के जमींदार गुंडो ने बलात्कार किया। इसके खिलाफ जब उन्होने आवाज उठाई तो जमींदारों ने उनपर कई बार हमला किया। ऐसे ही एक हमले के बाद उन्होने हाथ और पैर खो दिया। इस प्रताड़ना के बावजूद बंत सिंह को संघर्ष की विचारधारा और प्रतिरोधी तेवर पर यकीन है....
1 comment:
बंत सिंह में भगत सिंह की निरतंरता दिखाने के लिए शुक्रिया। असल में भगत सिंह का नाम जपने के बजाय ऐसे ही जीवित साथियों को प्रेरणास्रोत मानने की जरूरत है, भगत सिंह मानने की जरूरत है। भगत सिंह तो जिंदा हैं, खुशहाल और लोकतांत्रिक भारत के हर संघर्ष में उनकी झलक देखी जा सकती है।
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