फैज़ की इस नज्म को सुनवाने का धन्यवाद ! बगावत करने को उकसाती उनकी ये नज्म पाक में काफी मशहूर हुई । कहते हैं जब भी किसी मंच पर इकबाल बानो इस नज्म को गाते हुए जब ये कहतीं सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराए जाएंगे, दर्शक दीर्घा से समवेत स्वर में आवाजें आतीं...."हम देखेंगे
कुछ ही दिनों पहले मैंने इस नज्म के साथ फैज़ की कुछ और राजनीतिक और सामाजिक बदलाव से जुड़ी नज़्मों का जिक्र किया था। यहाँ देखें http://ek-shaam-mere-naam.blogspot.com/2007/03/blog-post_31.html
1 comment:
फैज़ की इस नज्म को सुनवाने का धन्यवाद ! बगावत करने को उकसाती उनकी ये नज्म पाक में काफी मशहूर हुई । कहते हैं जब भी किसी मंच पर इकबाल बानो इस नज्म को गाते हुए जब ये कहतीं सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराए जाएंगे, दर्शक दीर्घा से समवेत स्वर में आवाजें आतीं...."हम देखेंगे
कुछ ही दिनों पहले मैंने इस नज्म के साथ फैज़ की कुछ और राजनीतिक और सामाजिक बदलाव से जुड़ी नज़्मों का जिक्र किया था। यहाँ देखें
http://ek-shaam-mere-naam.blogspot.com/2007/03/blog-post_31.html
Post a Comment