समकालीन जनमत (पत्रिका) के लिए संपर्क करें-समकालीन जनमत,171, कर्नलगंज (स्वराज भवन के सामने), इलाहाबाद-211002, मो. नं.-09451845553 ईमेल का पता: janmatmonthly@gmail.com

Friday, November 16, 2007

जनवाद का 'दलाल स्ट्रीट'


जनमत पर जेएनयू के चुनावों का दिलीप मंडल ने एक विश्लेषण रखा। जिस पर जाहिर है कई प्रतिक्रियाएं होनी थी। लेकिन पहली प्रतिक्रिया आई किसी ‘खुश’का। एसएफआई की हार से तिलमिलाए ये सज्जन जा पहुंचे त्रिलोचन शास्त्री के लिए जारी जनमत की अपील तक। फिर उन्हे याद आया कि किन्ही अनिल रघुराज( ये किन्ही अनिल रघुराज उनके ब्लॉग के 'दोस्त लोग'में हैं..फिर ये किन्ही कैसे हुए!!?) ने भी लिबरेशन और कम्यूनिज्म के विरोध में कुछ लिखा है और उसके बाद ये अपनी समझ से इस राजनीति पर कई वार करते गए। उन्हे सबसे ज्यादा आपत्ति थी दुमछल्ले वामपंथ पर। चंद्रशेखर की मां को लेकर लिखे गए टिप्पणी से उलझते हुए वे सिर टकराने लगे। लेकिन जब इनके लेखन या ब्लॉग लीला का दौरा हुआ तो सामने आया कि ऐसे भ्रष्ट जनवाद के नुमाइंदे बाजार की समझ से त्रिलोचन और सही वामपंथ को तौलते हैं। टुकडे –टुकड़े में जन आंदोलनों की कमजोरियों और सचेत ढंग से प्रचारित अफवाहों के ये सौदागर मौका तलाशते हैं कि कैसे आम लोगों को सही मुद्दों और बातचीत से भटकाया जाय.. देखिए इस दुमछल्ले वामपंथी का लेखन...जैसा कि ये खुद दावा करते हैं ये कहीं नौकरी नहीं करते लिहाजा बाजार इनकी मजबूरी नहीं बल्कि पसंद है। ये पूरी तरह बाजार की बीमारी जानते हैं लेकिन त्रिलोचन की बीमारी जानने का इन्हे कोई रास्ता नजर नहीं आता। इस बाजार प्रेमी दुमछल्ला वाम की यही कहानी है यह अवसरवाद का सबसे घृणित प्रतिनिधि है। जब यह बाजार की बात कह रहा है तो नहीं लगता कि साथ में दुमछल्ले वाम का घोषणा पत्र लिख रहा है..

ये लिखते हैं...
"शेयर बाजार में करेक्शन का दौर है, बहाना चाहे जो हो। यह करेक्शन लंबे समय से अपेक्षित था। अलबत्ता, दिवाली पर पीटने के लिए लिवाली का अच्छा मौका बन रहा है। लेकिन बाजार में लघुअवधि में फायदा वही उठा पाते हैं जो हवा का रुख भांपने में सक्षम होते हैं। पूरा खेल यह है कि क्या आप इस बात का सटीक अनुमान लगा पाते हैं कि बाजार में बहुमत की धारणा क्या है। अगर हां, तो आप राजा हैं। दूसरा फैक्टर है डर और लालच। बाजार से फायदा उठाना है तो इऩ पर विजय पानी होगी।खैर, शेयर बाजार में इस समय आशंकाओं का राज है। यह कितना गहरा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाइए कि रिलायंस इंडस्ट्रीज व विप्रो के नतीजे भी इऩ पर काबू न कर सके।

नोट- निवेश करने से पहले खुद पोढ़े हो लें। अपन की जिम्मेदारी नहीं है।"

मेरी बाई लिस्ट
1यूको बैंक (39 से नीचे खरीदें)
2 एचएफसीएल (22-23 पर लें)
3 टेलीडाटा (55 से नीचे)
4 कोठारी शुगर (12 पर लें)
5 बलरामपुर चीनी (50 पर आने का इंतजार कर लें)
6. केसीपी शुगर (18 के नीचे खरीदें)

अब आप ही तय करिए कि क्या ऐसे लालची व्यक्तित्व वाले ही तय करेंगे कि सही जनवाद और उसकी राजनीति क्या है और त्रिलोचन का कद कितना है?......

1 comment:

drdhabhai said...

भैया ये म़ाडरेशन हटाकर कमेंट छपने दीजिए,क्यों अपने को बुद्धिजीवी साबित करने में लगे हुए है यै यहां एक पोस्टर लगा दें कि यह ब्लाग केवल चले हुए पटाखों के लिए ही है(बामपंथियों )के लिए ही है