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जन संस्कृति मंच ने बहुराष्ट्रीय उपभोक्ता उत्पाद कंपनी सैमसंग के साथ मिलकर साहित्य अकादमी द्वारा दिए जा रहे टैगोर साहित्य पुरस्कारों की कड़ी भर्त्सना की है और लेखकों-साहित्यकारों से उनके बहिष्कार का आह्वान किया है।
साहित्य अकादमी द्वारा ये पुरस्कार सोमवार, 25 जनवरी को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में होने वाले भव्य समारोह में दिए जाने वाले हैं। जसम इसके विरोध में सोमवार को आयोजन स्थल ओबरॉय होटल के बाहर एक मानव श्रंखला बना रहा है। संगठन ने साहित्यकारों, कलाकारों व संस्कृतिकमिoयों से उसमें जुड़ने की अपील की है।
अपने बयान में जन संस्कृति मंच ने साहित्य पुरस्कारों के लिए सैमसंग के आयोजन को सांस्कृतिक स्वायत्तता के लिए खतरा बताया है। अफसोस की बात यह है कि इस खतरनाक साजिश को सम्मानजनक मुखौटा देने के लिए पुरस्कारों को टैगोर के
नाम पर दिया जा रहा है। जसम का मानना है कि इस तरह का गठजोड़ खुद अकादमी के संविधान का उल्लंघन है, लिहाजा इसे तुरन्त खत्म किया जाना चाहिए। ऐसा न हुआ तो इससे साहित्य व संस्कृति के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर विदेशी दखल के रास्ते खुल जाएंगे। जन संस्कृति मंच ने 13 दिसम्बर को अपने दिल्ली राज्य सम्मेलन में भी इस गठजोड़ के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था।
जसम ने इस मसले पर सभी साहित्यकारों, कलाकारों व संस्कृतिकमिoयों को एक मंच पर आकर मुखर विरोध जताने की
अपील की है।
भाषा सिंह
सचिव
जन संस्कृति मंच
दिल्ली
3 comments:
बेहतर...
साझा प्रतिरोध महती आवश्यकता है...
साक्षात उपस्थित होना तो संभव नहीं पर प्रतिरोध में मेरी आवाज भी दर्ज हो।
जब आईडिया समाचार और लक्स पर्फेक्ट ब्राईड हो सकते हैं तो पुरुस्कार क्यों नहीं. थोडे दिनों बाद लोग अपने बच्चों के नाम रखा करेंगे आईटीसी अमित कुमार, साम्सुंग दिनेश, एलजी पवन वगैरा.
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