tag:blogger.com,1999:blog-74074109121447623442024-03-13T16:52:29.774+05:30समकालीन जनमतसमकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.comBlogger188125tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-25226302657404333662011-07-18T20:35:00.002+05:302011-07-18T20:39:57.314+05:30अनिल सिन्हा की याद मेंअनिल सिन्हा स्मृतिअनिल सिन्हा मेमोरियल फाउंडेशनआपको अपने पहले कार्यक्रम के लिए सादर आमंत्रित करता हैकार्यक्रमऽ वीरेन डंगवाल द्वारा अनिल सिन्हा के ताजा कहानी संग्रह ‘एक पीली दोपहर का किस्सा’ का लोकार्पण ऽ आलोक धन्वा, मंगलेश डबराल और आनंद स्वरूप वर्मा द्वारा अनिल सिन्हा की याद ऽ इरफान द्वारा अनिल सिन्हा की एक कहानी का पाठ ऽ चित्त प्रसाद की कला और इतिहास दृष्टि पर अशोक भौमिक की खास समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-12501852874061842572011-06-30T09:03:00.003+05:302011-06-30T09:08:31.660+05:30आरा में नागार्जुन जन्मशताब्दी समारोह संपन्नपिछले साल 25-26 जून को समस्तीपुर और बाबा नागार्जुन के गांव तरौनी से जसम ने उनके जन्मशताब्दी समारोहों की शुरुआत की थी और यह निर्णय किया था कि इस सिलसिले का समापन भोजपुर में किया जाएगा। उसी फैसले के अनुरूप नागरी प्रचारिणी सभागार, आरा में विगत 25 जून 2011 को नागार्जुन जन्मशताब्दी समापन समारोह का आयोजन किया गया। जनता, जनांदोलन, राजनीति, इंकलाब और कविता के साथ गहन रिश्ते की जो नागार्जुन की परंपरा है,समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-20773894995185347052011-06-19T11:37:00.007+05:302011-06-19T11:44:36.269+05:30जनकवि नागार्जुन जन्मशताब्दी समारोहसमकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-84192866227320078512011-05-15T19:10:00.001+05:302011-05-15T19:16:18.718+05:30बादल सरकार को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि पिछले साल 14 जुलाई, २०१० को जब बादल दा ८५ के हुए थे, हम में बहुत से साथियों ने लिख कर और उन्हें सन्देश भेजकर जन्मदिन की बधाई के साथ यह आकांक्षा प्रकट की थी कि वे और लम्बे समय तक हमारे बीच रहें . लेकिन परसों १३ जुलाई ,२०११ को वे हम सबसे अलविदा कह गए. भारतीय रंगमंच के क्रांतिकारी, जनपक्षधर और अनूठे रंगकर्मी बादल दा को जन संस्कृति मंच लाल सलाम पेश करता है. उनके उस लम्बे, जद्दोजहद भरे समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-89657845303104392632011-04-09T06:50:00.001+05:302011-04-09T07:34:48.659+05:30अन्ना हजारे को जसम का समर्थन*जन लोकपाल विधेयक बनने से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को बल मिलेगा: प्रो. मैनेजर पांडेय
*दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पटना में आज जसम से जुड़े लेखक-संस्कृतिकर्मी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में शामिल हुए
*जनविरोधी अर्थनीति और भ्रष्ट राजनीति के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा : जन संस्कृति मंच
जन लोकपाल विधेयक लागू करने के सवाल पर आज जन संस्कृति मंच के अध्यक्ष प्रो. मैनेजर पांडेय के नेतृत्व में लेखकों, कलाकारों,समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-4392138115635092752011-04-07T17:11:00.001+05:302011-04-07T17:23:32.470+05:30अन्ना हजारे को जसम का समर्थनसाथियों, श्री अन्ना हजारे को जन लोकपाल विधेयक को लागू करने के लिए आमरण अनशन पर बैठे आज तीसरा दिन हो गया. देश भर से इस आन्दोलन को भारी समर्थन मिल रहा है. कई स्थानों पर हमारे साथियों ने प्रतिवाद में भाग लिया है. कल यानी ९ अप्रैल को कल जन संस्कृति मंच के साथी प्रो मैनेजर पाण्डेय के नेतृत्व में सुबह ११ बजे जंतर मंतर अपना समर्थन जताने पहुंचेंगे. आप सभी से अनुरोध है कि मित्रों, साथियों के साथ वहां कल समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-46933804788172464452011-04-07T16:52:00.003+05:302011-04-07T16:59:08.434+05:30प्रतिरोध का सिनेमा , इन्दौर आयोजन का निमंत्रणसमकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-1904816890890277832011-03-26T08:51:00.004+05:302011-03-26T09:03:35.633+05:30ऑफसाइड के साथ छठें गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल का आगाजआधी दुनिया के संघर्षो को समर्पित छठें गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच बुधवार को हुआ। फेस्टिवल का उद्घाटन प्रसिद्ध इतिहासकार और नारीवादी चिंतक प्रो.उमा चक्रवर्ती ने किया। उन्होंने कहा कि महिला आंदोलनों को प्रतिरोधी संस्कृति कर्म को ताकतवर बनाना होगा। जुल्म के एकजुट प्रतिरोध से ही न्यायपूर्ण समाज बनेगा।गोरखपुर फिल्म सोसाइटी और जन संस्कृति मंच के इस आयोजन का समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-71083507533225815752011-03-23T14:36:00.006+05:302011-03-23T14:41:53.508+05:30भगत सिंह का अंतिम पत्रआज 23 मार्च है.इस दिन भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश सरकार ने फांसी कि सजा सुनाई थी.भगत सिंह का अंतिम पत्र 22 मार्च,1931 साथियो, स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता. लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ, कि मैं क़ैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता. मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों नेसमकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-72726908935900895792011-02-25T22:30:00.002+05:302011-02-25T22:33:54.832+05:30अनिल सिन्हा नहीं रहेप्रिय साथियो,अबतक आप सबको साथी अनिल सिन्हा के असमय गुज़र जाने का अत्यंत दुखद समाचार मिल चुका होगा. अनिल जी जैसा सादा और उंचा इंसान , उनके जैसा संघर्ष से तपा निर्मल व्यक्तित्व, क्रांतिकारी वाम राजनीति और संस्कृति -कर्म का अथक योदधा अपने पीछे कितना बड़ा सूनापन छोड़ गया है, अभी इसका अहसास भी पूरी तरह नहीं हो पा रहा. यह भारी दुःख जितना आशा जी, शाश्वत, ऋतु,निधि,अनुराग, अरशद और अन्य परिजन तथा मित्रों समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-25326784315209062262010-12-28T14:01:00.002+05:302010-12-28T14:05:07.073+05:30लोकतंत्र को उम्रकैद ये मातम की भी घडी है और इंसाफ की एक बडी लडाई छेडने की भी. मातम इस देश में बचे-खुचे लोकतंत्र का गला घोंटने पर और लडाई - न पाए गए इंसाफ के लिए जो यहां के हर नागरिक का अधिकार है. छत्तीसगढ की निचली अदालत ने विख्यात मानवाधिकारवादी, जन-चिकित्सक और एक खूबसूरत इंसान डा. बिनायक सेन को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी और धारा 124-ए, छत्तीसगढ विशेष जन सुरक्षा कानून की धारा 8(1),(2),(3) और (समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-69645084748307576092010-08-30T09:18:00.011+05:302010-08-30T09:54:05.124+05:30तेभागा आन्दोलन और सोमनाथ होड़ का कलाकर्मसोमनाथ होड़ का कलाकर्म कलाकारों को जनान्दोलनों से जुड़ने के लिए प्रेरित करता है :अशोक भौमिक29 अगस्त 2010 कौस्तुभ सभागार, ललित कला अकादमी, नई दिल्ली में जसम के फिल्म समूह द ग्रुप की ओर से `तेभागा आन्दोलन और सोमनाथ होड़ का कलाकर्म´ विषय पर चर्चित चित्रकार व साहित्यकार अशोक भौमिक का व्याख्यान-प्रदर्शन (लेक्चर डेमनस्ट्रेशन) आयोजित किया गया। यह आयोजन हिन्दी के मशहूर कवि शमशेर बहादुर सिंह, जो कि एक समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-23077377218948077852010-08-02T15:11:00.004+05:302010-08-02T15:27:53.033+05:30विभूति नारायण राय और रवीन्द्र कालिया लेखिकाओं से माफी मांगे : जसमजन संस्कृति मंच पिछले दिनों म.गा.हि.वि.वि. के कुलपति श्री विभूति नारायण राय द्वारा एक साक्षात्कार के दौरान हिन्दी स्त्री लेखन और लेखिकाओं के बारे में दिए गए असम्मानजनक वक्तव्य की घोर निन्दा करता है। यह साक्षात्कार उन्होंने `नया ज्ञानोदय´पत्रिका को दिया था। हमारी समझ से यह बयान न केवल हिन्दी लेखिकाओं की गरिमा के खिलाफ है,बल्कि उसमें प्रयुक्त शब्द स्त्रीमात्र के लिए भी अपमानजनक है। इतना ही नहीं समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-13970166905314652952010-07-26T12:08:00.008+05:302010-07-26T12:24:32.334+05:30अंधेरे की तड़प और उजाले का ख्वाब-चंद्रभूषण का कविता पाठजिस ट्रेन का इन्तजार आप कर रहे हैं/ वह रास्ता बदलकर कहीं और जा चुकी है......./ सोच कर देखिए जरा/ ज्यादा दुखदायी यह रतजगा है/ या कई रात जगाने वाली पांच मिनट की/ वह नींद/ और वह भी छोड़िए/ इसका क्या करें कि ट्रेनें ही ट्रेनें, वक्त ही वक्त/ मगर न जाने को कोई जगह है न रुकने की कोई वजह (स्टेशन पर रात)आखिर सुविधाओं की होड़ वाले इस दौर में ऐसा क्या है जिसके छूट जाने की पीड़ा कभी पीछासमकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-63429861162430083622010-07-23T08:11:00.004+05:302010-07-23T08:20:50.208+05:30समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-45646658135467243562010-04-28T08:57:00.004+05:302010-04-28T09:32:14.009+05:30सृजनोत्सवजसम ने बिहार की राजधानी पटना में 12से 14 मार्च तक जनकवि नागार्जुन की स्मृति को समर्पित सृजनोत्सव का आयोजन किया था। जिसमें दिनेश कुमार शुक्ल ने कई कविताओं का पाठ किया। इसके अलावा देश की कई सांस्कृतिक टीमों ने प्रस्तुति दी। 'दस्ता' की प्रस्तुतिविद्रोही जी का कविता पाठझारखंड की सांस्कृतिक टीम की प्रस्तुतिबाउलगजल (हरिओम)समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-16864443681763908542010-03-25T16:41:00.003+05:302010-03-25T16:51:33.267+05:30इलाहाबाद का सांस्कृतिक हलका डूबा मार्कण्डेय के शोक में२० मार्च, २०१०. इलाहाबाद.आज सायं ५ बजे से वरिष्ठ कथाकार मार्कण्डेय की स्मृति सभा का आरंभ महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विश्विद्यालय दूरस्थ शिक्षा इकाई के सत्यप्रकाश मिश्र स्मृति सभागर में हुआ. इलाहाबाद शहर के तमाम बुद्धिजीवी, संस्कृतिकर्मी और वाम कार्यकर्ता मार्कण्डेय को श्रद्धांजलि देने उपस्थित थे. इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ आलोचक मैनेजर पांडेय ने मार्कण्डॆय के साथ अपने २५ साल पुराने रिश्ते को समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-59397967442553062312010-03-23T08:13:00.006+05:302010-03-23T08:54:51.143+05:30तुम्हे कैसे याद करुँ भगत सिंह-अशोक कुमार पाण्डेय जिन खेतों में तुमने बोई थी बंदूकेंउनमे उगी हैं नीली पड़ चुकी लाशें जिन कारखानों में उगता थातुम्हारी उम्मीद का लाल सूरजवहां दिन को रोशनी रात के अंधेरों से मिलती है ज़िन्दगी से ऐसी थी तुम्हारी मोहब्बतकि कांपी तक नही जबानसू ऐ दार पर इंक़लाब जिंदाबाद कहतेअभी एक सदी भी नही गुज़री औरज़िन्दगी हो गयी है इतनी बेमानीकि पूरी एक पीढी जी रही है ज़हर के सहारे तुमने देखना चाहा था जिन हाथों समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-80623324995909333542010-03-21T19:51:00.004+05:302010-03-21T20:03:37.954+05:30सृजनोत्सव: जनसंघर्ष और प्रतिरोध के संस्कृतिकर्म को राष्ट्रीय मंच देने की पहलसो रहा संसार, पूंजी का विकट भ्रमजालकिन्तु फिर भी सर्जना के एक छोटे से नगर में/ जागता है एक नुक्कड़चिटकती चिंगारियां/ उठता धुंआ है/ सुलगता है एक लक्कड़तिलमिलाते लोग सुनकर, देखकर अन्याय और लड़ने का अब भी बनाते मन मछन्दर फिर नए संघर्ष का उन्वान लेकर/ जाग मेरे मन मछन्दरएक ओर सामाजिक-आर्थिक प्रगति के झूठ के प्रचार और अपने लूट को ढंकने वाली सत्ता संस्कृति के विज्ञापन और दूसरी ओर अराजक तरीके से किए जा रहे समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-90214841867844318762010-03-01T19:16:00.007+05:302010-03-01T19:45:25.447+05:30होली के गीतशोभा गुर्टू की आवाज में--- आज बिरज में होली-आबिदा परवीन की आवाज में----होली खेलन आया पिया...छन्नूलाल मिश्रा की आवाज में-----रंग डारूँगीसमकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-35982883386951121622010-02-22T08:07:00.002+05:302010-02-22T08:09:37.986+05:30'सृजनोत्सव' तथा 'जसम की राष्ट्रीय परिषद की बैठक'प्रिय साथियों , आगामी १२, १३, १४ मार्च, २०१० को पटना में कालिदास रंगालय ( गांधी मैदान, उत्तरी छोर) में "सृजनोत्सव" का आयोजन किया गया. है. इस कार्यक्रम में बंगाल, पंजाब, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, असम, झारखंड, उत्तराखंड आदि राज्यों से जन संस्कृति मंच से जुड़े बिरादराना संगठनों से संबद्ध कलाकार नृत्य, गायन, नाटक, माइम, काव्य की प्रस्तुति ३ दिनों तक करेंगे.यह कार्यक्रम कवि नागार्जुन की स्मृति को समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-68030436217267459362010-02-18T17:23:00.003+05:302010-02-18T18:46:07.987+05:30अभिनेता निर्मल पांडे नहीं रहेअभिनेता निर्मल पांडे की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई है। सीने में दर्द के बाद निर्मल को अंधेरी, मुबंई के हॉस्पीटल में भर्ती किया गया था ।निर्मल पांडे ने ‘बैंडिट क्वीन’ (1994), दायरा (1996), ‘गॉडमदर’ (1999), ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ और ‘इस रात की सुबह नहीं’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया था। राष्ट्रीय नाट्य अकादमी से निकले निर्मल ने लंदन के ‘तारा’ नाट्य मंडली में कई नाटकों में काम समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-28615525510227675622010-02-17T09:44:00.005+05:302010-02-17T10:14:56.969+05:30फैज को क्यों और कैसे पढ़ें-2(मशहूर शायर फैज अहमद फैज की पैदाइश 13 फरवरी 1911 को सियालकोट में हुई। 2010 उनकी जन्मशती का साल है। एक मौका है जिसमें हम फैज के बारे और ज्यादा जानने की कोशिश कर सकते हैं। उनके विचारों को मौजूदा समय के साथ जोड़कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है। हमारी कोशिश होगी कि फैज से संबंधित ज्यादा से ज्यादा सामग्री आपतक पहुंचाई जाय। इस कड़ी में पढ़िए जन संस्कृति मंच के महासचिव प्रणयसमकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-35716025617518902962010-02-14T20:26:00.010+05:302010-02-17T10:16:29.025+05:30फै़ज़ को क्यों और कैसे पढें(मशहूर शायर फैज अहमद फैज की पैदाइश 13 फरवरी 1911 को सियालकोट में हुई। 2010 उनकी जन्मशती का साल है। एक मौका है जिसमें हम फैज के बारे और ज्यादा जानने की कोशिश कर सकते हैं। उनके विचारों को मौजूदा समय के साथ जोड़कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है। हमारी कोशिश होगी कि फैज से संबंधित ज्यादा से ज्यादा सामग्री आपतक पहुंचाई जाय। इसकी शुरुआत हम जन संस्कृति मंच के महासचिव प्रणय समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7407410912144762344.post-2521582948542129062010-02-11T09:44:00.007+05:302010-02-11T10:19:28.921+05:30वार- नो मोर....ये गीत बॉब मार्ले का है और तकरीबन 40-50 साल पहले लिखा और गाया था।प्लेइंग फॉर चेंज ने दुनिया के अलग-अलग जगहों और वहां के बेहतरीन गायकों को साथ लेकर इस गीत को नए अंदाज में कंपोज किया है। Until the philosophy which hold one race superiorAnd anotherInferiorIs finallyAnd permanentlyDiscreditedAnd abandoned -Everywhere is war -Me say war.That until there no longerFirst class and second class citizens समकालीन जनमतhttp://www.blogger.com/profile/04350720401949445699noreply@blogger.com0