यह पोस्टर 1928 में जारी हुआ. सर जॉन साइमन के नेतृत्व में गठित सात-सदस्यीय समिति को लेकर भारत में काफ़ी नाराज़गी थी. इस समिति के एक अन्य सदस्य थे क्लीमेंट ऐटली जो 1947 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने. इस समिति का उद्देश्य था भारत के भविष्य का फ़ैसला करना और इसमें एक भी भारतीय सदस्य नहीं था.
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Anonymous
said...
१. देश भर में साइमन के विरोध में चाहे जो नारे लगी हों पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगा था,'साइमन गोबैक-वापस जाओ' । २.देश के दलित नेतृत्व को इस समिति से बहुत अपेक्षा थी और उसके द्वारा समिति का बहिष्कार नहीं किया गया था।
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१. देश भर में साइमन के विरोध में चाहे जो नारे लगी हों पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगा था,'साइमन गोबैक-वापस जाओ' ।
२.देश के दलित नेतृत्व को इस समिति से बहुत अपेक्षा थी और उसके द्वारा समिति का बहिष्कार नहीं किया गया था।
चंद्रभान जी थे क्या उस समय
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